12/12/2024 Healthcare
थाइरोइड ग्रंथि हमारे गले में मौजूद तितली के आकर की एक छोटी सी ग्रंथि होती है जो हमारे शरीर में मेटाबोलिज्म और होर्मोनेस को सतुलित रखने का काम करती है। इस ग्रंथि के कार्यप्रणाली में जब समस्या उत्पन्न होती है तो यह हमारे समग्र शरीर के संतुलन को ख़राब कर सकती है। थाइरोइड की बिमारी एक आम समस्या है जो ज़्यादातर महिलाओ को प्रभावित करती है,इसका सबसे अच्छा उपचार आयुर्वेदिक उपचार को माना जाता है। थायराइड के लिए आयुर्वेदिक इलाज में कई प्रभावी दवाइयों का उल्लेख किया गे गया है। इनमे से कचनार, कुठ मीठी, संख भस्म, और हल्दी प्रमुख है।
कचनार का उपयोग शरीर में थाइरोइड हॉर्मोन जैसे T3, T4, और TSH, हॉर्मोने के फंक्शन को नियंत्रित करने के लिए किया जाता है, जबकि कुठ मीठी रक्त सर्करा के स्टार को नियंत्रित रखने में मदद करती है। इसके अलावा संख भस्म आर्टरी को सिकुड़ने से रोकता है और हल्दी थाइरोइड की बीमारी को ठीक करने के लिए मददगार है। ये सभी आयुर्वेदिक जड़ी-बूटियां थाइरोइड को ठीक करने के लिए सबसे अच्छी मानी जाती है।
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