17/08/2022 Others
लखनऊ के नवाबों को बेहरीन हवेलियाँ बनवाने का बहुत शौक़ था जिससे मज़दूरों को रोज़गार भी मिलता रहता था। ऐसी ही एक शानदार हवेली थी ओइएल हाउस (OEL House) , जहां पर लखनऊ पर शासन करने वाला अंतिम नवाब, वाज़िद अली शाह रहा करता था और उसके बाद वह लखनऊ यूनिवर्सिटी के वाईस-चांसलर का निवास बना। आजकल इस हवेली को बहुत ही रहस्य्मय और भुतहा माना जाता है, तो आइये आपको इस हवेली की कहानी के बारे में बतायें कि आखिर ये शानदार हवेली भुतहा क्यों, कब और कैसे बन गई।
क्या है ओइएल हाउस की कहानी?
ओइएल हाउस (OEL House) की कहानी, लखनऊ के ग्यारहवें और अंतिम शासक नवाब वाज़िद अली शाह की कहानी है,जिनको वामपंथी इतिहाकारों ने कवि, नाटककार, नर्तक और कला के महान संरक्षक के रूप में प्रदर्शित किया है। सनातन धर्म के विरोध में नए कीर्तिमान स्थापित करने वाले इतिहास कारों ने यहाँ तक लिखा है कि“अवध में कथक को फिर से लोकप्रिय करने में भी इसका महत्वपूर्ण योगदान रहा।
उसको लखनऊ से और वहां की जनता से प्यार था, और वो अपनी दरियादिली का सबूत अक्सर ही लोगों की जितना हो सके मदद कर के दिया करता था” लेकिन वास्तविकता यह थी कि इस विचित्र व्यक्तित्व के नवाब वाज़िद अली शाह के हाँथ पूरी तरह से अंग्रेजों ने बाँध रखे थे क्योंकि जब तक वो लखनऊ की राजगद्दी पर विराजमान रहा,अंग्रेजों ने लगभग पूरे अवध पर कब्ज़ा जमा लिया था और वाज़िद अली शाह सिर्फ नाम का ही नवाब था।
लखनऊ के नवाबों को बेहरीन हवेलियाँ बनवाने का बहुत शौक़ था जिससे मज़दूरों को रोज़गार भी मिलता रहता था। ऐसी ही एक शानदार हवेली थी ओइएल हाउस (OEL House) , जह...
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